तेहरान की नमाज़े जुमा के इमाम ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को साम्राज्य का पिट्ठू और विश्व शांति के लिए ख़तरा बताया है।
तेहरान की नमाज़े जुमा आयतुल्लाह मुहम्मद अली मुवह्हेदी किरमानी की इमामत में अदा की गई। उन्होंने इस्लामी देशों में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस या दाइश के अपराधों और जनसंहारों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह उग्रवादी एवं इस्लाम विरोधी गुट संसार की शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा है। उन्होंने विश्व साम्राज्य द्वारा इस आतंकवादी गुट के खुले समर्थन की ओर संकेत करते हुए कहा कि साम्राज्यवादी यह सोच रहे हैं कि वे इस प्रकार की कार्यवाहियों के माध्य से इस्लाम व इस्लामी क्रांति के प्रसार को रोक देंगे किंतु वे इसमें विफल हैं।
उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि वर्चस्ववादी व्यवस्था अपने सभी हथकंडों के साथ इस्लाम के विरुद्ध आ खड़ी हुई है, कहा कि आज जो कुछ इराक़ में हो रहा है वह शीया-सुन्नी झगड़ा नहीं बल्कि मनुष्य के समर्थन और लोगों की हत्या के बीच का विवाद है। उन्होंने इराक़ी जनता की सहायता और बड़ी संख्या में आतंकवादियों को खदेड़ने में इराक़ी सेना की सफलता की सराहना करते हुए इस सफलता में धार्मिक नेतृत्व की भूमिका को प्रभावी एवं लाभदायक बताया।
आयतुल्लाह मुवह्हेदी किरमानी ने संसार के सभी मुसलमानों से अपील की कि वे अपनी एकता की रक्षा करते हुए और मतभेदों से दूर रहते हुए दाइश जैसे आतंकवादी गुटों के समक्ष डट जाएं।
                        4 जुलाई 2014 - 22:38
                    
                    
                            समाचार कोड: 621439
                        
                     
            तेहरान की नमाज़े जुमा के इमाम ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को साम्राज्य का पिट्ठू और विश्व शांति के लिए ख़तरा बताया है।
 
             
                                         
                                         
                                        